EVERYTHING ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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इस तरह करने से ये मंत्र और मिश्रण अभिमन्त्रण हो जाता है.

ॐ नमो आदेश गुरु का एक फूल फूल भर दोना चौंसठ योगिनी ने मिल किया टोना फूल फूल वह फल न जानी हनुमन्त वीर घेर घेर दे आनी जो सूंघे इस फूल की बास उसका जी प्राण हमारे पास सोती होय तो जगाय लाव बैठी होय तो उठाय लाव और देखे जरे बरै, मोहि देखि मोरे पायन परे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा वाचा वाची से टरे तो कुम्भी नरक में परे।

हाँ, वशीकरण मंत्र का उपयोग व्यापार में सफलता के लिए किया जा सकता है। इन मंत्रों का उच्चारण करके आप व्यापार में उच्चतम सफलता की प्राप्ति के लिए अपनी इच्छा को प्रेरित कर सकते हैं। यह आपको व्यापारिक निर्णयों में सहायता प्रदान कर सकता है और आपके व्यापार को अग्रणी बनाने में मदद कर सकता है।

जिसकी भी नजर तिलक पर जाएगी वो मोहन मंत्र के प्रभाव में आ जायेगा. उसके साथ सही आचरण और व्यवहार रखे जिससे की आपका यश लोगो में बढे.

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वशीकरण ऊर्जा और आकर्षण के सिद्धांत पर काम करता है। इसमें विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों का उपयोग किया जाता है, जो व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करते हैं। इसके प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:

टूटे रिश्तों को सुधारने और मजबूत करने के लिए।

तिलक काठी में निकलू घर से मोहे सकल संसार

इस तिलक के प्रभाव से सामने वाला जब तक आपके सामने है तब तक वो आपके आकर्षण में रहता है.

इस मंत्र का प्रयोग सिर्फ एक बार में एक व्यक्ति पर ही सिद्ध होता है.

आप इसे साधना के बाद भी कर सकते है. कृष्ण मोहन साधना का प्रयोग तो आप नियमित तौर पर सकते है.

ॐ नमो आकाश की योगिनी पातालनाग, उठि हनुमंत जी ‘फलानी’ को लाग, परै न निद्रा बैठे न सुख, जोबो देखे check here न मेरो मुख, तब तक नहिं परै हिये में सुख, लाऊ जो वाकू पियो, मोहि दीखै ठण्डी हो जाय, आवत न काहू दिखाय, आउ आउ मेरे आगे लाउ, न लावै तो गुरु गौरखनाथ की आन।

कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-

चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे.

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